आष्टा। कोविड 19 महामारी धीरे धीरे अपने पैर पसारती जा रही है। इस महामारी से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर शासन प्रशासन अपना कार्य कर रहा है,लेकिन ये भी कटु सत्य है की जब तक इस महामारी से बचने आन जन का भरपूर सहयोग नही मिलेगा तब तक सफलता की उम्मीद करना सही नही है। उक्त संक्रमण से आम नागरिकों को बचाने,इसकी कड़ी तोड़ने सरकार ने सीहोर जिले में 6 दिनों का कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया।
इसमें कुछ चिन्हित दुकानों, सेवाओ को छूट दी है। आज कोरोना कर्फ्यू के पहले दिन दुकानें तो बन्द रही लेकिन आश्चर्य बन्द दुकानों से भी भरपूर सामान की बिक्री हुई,इसे रोकने देखने वाले ही जब मौन के साथ मूकदर्शक बने रहे तो ये धज्जियां तो उड़ना ही थी। आज पूरे दिन सोशल मीडिया पर बन्द दुकानों से कैसे कहा कहा धड़ल्ले से सामान बेचा जा रहा है की जानकारियां दी गई,नाराजी भी व्यक्त हुई, प्रशासन पर कई प्रश्न भी खड़े किये गये।
आज सबसे ज्यादा दुख सोशल मीडिया पर उन दुकानदारों का झलका जिनकी दुकानें मेन रोड,बाजार में थी,जिनके घर दुकान अलग अलग थे। जिन लोगो ने भी आज बन्द दुकानों से सामान बेचा उन्हें जरूर करना चाहिये कि उन्होंने किसे धोखा दिया प्रशासन को या अपने आप को.? आज कोरोना कर्फ्यू के बाद भी सड़को पर नागरिको को बिना किसी कार्य के तफरी करते भी देखा गया।
आज जो जो कमियां,शिकायते,समस्याएं सामने आई है उन सब को प्रशासन पुलिस को संज्ञान में लेना होगा तो ही आष्टा में कोरोना कर्फ्यू जिस उद्देश्य को लेकर लगाया है उसमें सफलता मिल सकती है अन्यथा कही ये कोरोना कर्फ्यू मात्र रस्म अदायगी बन कर ना रह जाये।
“मंडी व्यापारियों का सराहनीय निर्णय”
आज आष्टा कृषि उपज मंडी एवं फल व सब्जी मंडी के व्यापारियों ने जान है तो जहान है को प्राथमिकता देते हुए मंडी सचिव को सूचना दी की वे आज से 21 अप्रैल तक कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए नीलामी में भाग नही लेंगे।
“समय के बाद भी खुली रही दुकाने”
आज कोरोना कर्फ्यू के पहले दिन प्रातः 8 से 11 छूट प्राप्त दुकानें खुली,11 बजने के बाद भी काफी देर तक अनेकों दुकानदार इस लिए व्यापार करते रहे,क्योकि समय होने के बाद भी कोई दुकानें बंद कराने ही नही पहुचा था।