आष्टा।कर्म के साथ धर्म भी करना चाहिए, तभी मोक्ष की प्राप्ति होगी। कोरोना को भगाने की सभी चाहत रखते हैं, सभी की भावनाएं हैं ,लेकिन जिन शासन एवं शासन के नियम का पालन नहीं करते हैं।सावधानी रखकर तथा आगम की बातों को मान कर स्वयं भी सुरक्षित रहें और अपने संतो को भी सुरक्षित रखें। हमें नित्या वादी नहीं बनना है तथा सच्चे देव ,गुरु, शास्त्र पर विश्वास कर कार्य करें ।
उक्त बातें नेमावर से मंगल बिहार कर आष्टा पधारे संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि भूतबलि सागर महाराज ने शांति नगर में सेठी सदन परिसर में आयोजित धर्म सभा के दौरान कही। आपने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए अपने मनुष्य जीवन को सार्थक करें । मुनिश्री ने कहा कि कर्म के साथ धर्म भी करना चाहिए तब ही हमें मोक्ष प्राप्त होगा। आपने कहा कि कोरोना रोग से बढ़कर भी और रोग आने वाले हैं लेकिन अगर हम श्वेतांबर जैन स्थानक वासी समाज के द्वारा जो मुखपट्टी बांधकर धर्म आराधना की जाती है उसका पालन करें तो यह रोग नहीं लगेगा। आज पूरा देश स्थानक वासी जैन समाज के मुख पट्टी का पालन कर रहा है।
“भारतीय सभ्यता संस्कृति को बचाकर रखें”
इस अवसर पर मुनि भूतबलि सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि सागर महाराज ने अपने आशिष वचन में कहा कोरोना रोग प्रकृति की देन है, अज्ञानता अधिक है। सभ्यता, संस्कृति को बचाकर रखना है। आपने कहा कि यह संसार है जिसमें पुण्य कभी भी अकेला नहीं आता है, साथ में पाप भी चलता है ।पाप का उदय तीव्र हैं ।पहले जियो और जीने दो का नारा दिया गया था और अब बचो ,बचाओ ,सांसे लेने दो का नारा लगने लगा है। मुनि सागर महाराज ने बताया बीमारियां आती है चली जाती है, किसी को बाधक बन जाती है ।शास्त्रों में लिखा है अच्छे आचरण करो ।जैन समाज कई पंथों में बटा हुआ है । स्थानक वासी जैन समाज प्रारंभ से ही मुख पट्टी बांधकर धर्म आराधना कर रहे हैं। आज इस बात का अनुश्रवण पूरा देश कर रहा है। स्वच्छता एवं स्वस्थता यह जैन धर्म का सिद्धांत है ।
अधिक धन होने पर सड़क पर नहीं उड़ाएं , बल्कि अच्छे कामों में, दान -पुण्य, धर्म- ध्यान में इस चंचल पूंजी को लगाए। आज कोरोना ने सभी को खाना – पीना सिखा दिया है। माता-पिता बिगड़ जाए तो बच्चे क्या करेंगे ? आज भी 80 साल का वृद्ध बिना लाठी के मंदिर आ रहे है और आज का युवा मंदिर आने में हाफ रहा है । मुनि भूतबलि सागर महाराज के संघ को समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु जुलूस के रूप में कोशिश नियम का पालन करते हुए शांति नगर लेकर आएं।इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।