आष्टा। भाजपा सरकार के निर्देश पर प्रशासक नगरपालिका परिषद आष्टा द्वारा 1 अप्रेल से आष्टा नगर में जलकर की राशि 80 रूपये की जगह 130 रूपये प्रतिमाह करने एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नाम पर, एक नया कर लगाते हुए 20 रूपये प्रतिमाह नागरिकगणो पर कर लगाया गया है जो कि अलोकतांत्रिक है, और आम जनता के हित मे कदापि नही है। इस निर्णय को लेने के पूर्व अधिकारियो द्वारा जनप्रतिनिधियो से भी किसी प्रकार की चर्चा नही की गई है और न ही कोई सुझाव या आपत्ति वरिष्ठजनो व आमजन से मांगे गए है। जबकि वर्तमान में नगरपालिका परिषद आष्टा में जनता का कोई प्रतिनिधी पार्षद या अध्यक्ष के रूप में मौजूद नहीं हैं। परिषद का कार्यकाल 4 जनवरी 2020 को पूर्ण हो चुका है। ऐसे में अलोकप्रिय व आमजन के विरूद्ध लिया गया एक तरफा निर्णय सर्वथा अनुचित है।
पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने उक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 2015 से लेकर 2020 तक उनके अध्यक्ष कार्यकाल में नगरपालिका आष्टा से संबंधित किसी भी कर में कोई भी वृद्धि नही की गई थी उसके पश्चात भी नगरपालिका की आय में वृद्धि की गई थी। गत परिषद के कार्यकाल में अभूतपूर्व विकास कार्य भी हुए थे और आमजन का भरपूर सहयोग सम्पूर्ण परिषद को मिला था। यही कारण रहा कि कचरा संग्रहण में नगरपालिका परिषद आष्टा सम्पूर्ण प्रदेश में ऐसी परिषद थी जहां कचरा संग्रहण पर कोई कर नागरिको से नही लिया जाता था और यह व्यवस्था निशुल्क ही थी। सम्पूर्ण प्रदेश में आष्टा नगरपालिका ही ऐसा नगर था जहां पर परिषद द्वारा जल कर के रूप में सबसे कम 80 रूपये प्रतिमाह लिया जाता था।
कोरोना महामारी के चलते वर्तमान में जनता की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर है, काम धंधे चल नही रहे है, व्यापारीगण नोटबंदी व जीएसटी की वजह से पहले से ही परेशान है ऐसे में जल कर का बढाया जाना और स्वच्छता के नाम पर 20 रूपये प्रतिमाह का एक नया कर लगाना ठीक नही है। भाजपा सरकार के निर्देश पर प्रशासक नगरपालिका परिषद आष्टा द्वारा प्रस्ताव क्र. 11 दिनांक 27.03.2021 के द्वारा जल कर के रूप में आवासीय ईकाई पर 130 रूपये प्रतिमाह, गैर अवासीय ईकाई पर 150 रूपये प्रतिमाह, औद्योगिक ईकाई पर 450 रूपये प्रतिमाह एवं शासकीय और अर्धशासकीय संस्थान पर 130 रूपये प्रतिमाह की जल कर की राशि थोपी गई है जो कि परिषद के इतिहास मे सबसे ज्यादा है। इसी प्रकार नगर के नागरिकगणो पर ठोस अपशिष्ट उपभोक्ता प्रभार के रूप में अवासीय ईकाई पर 20 रूपये प्रतिमाह, गैर अवासीय ईकाई पर 50 रूपये प्रतिमाह, औद्योगिक ईकाई पर 70 रूपये प्रतिमाह एवं शासकीय और अर्धशासकीय संस्थान पर 20 रूपये प्रतिमाह का एक नया कर स्वच्छता के नाम पर लगाया गया है जो कि अनुचित है, जबकि यह व्यवस्था प्रदेश भर में आष्टा नगर में निशुल्क थी।
परिषद का कार्यकाल 4 जनवरी 2020 को पूर्ण हो चुका था इन 14 महीनो में नगरपालिका परिषद द्वारा एक रूपये का भी कोई विकास कार्य नगर में नही कराया है और न ही कोई योजना पूर्ण की गई है। ऐसे में प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि गत वर्ष की आय आखिर कहा व्यय हुई है? और ऐसी क्या स्थिति उत्पन्न हो गई कि नगरपालिका को नया कर बढाने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है? नगरपालिका के पूर्व मे जनप्रतिनिधी होने के अनुभव के आधार पर नगरपालिका प्रशासन से अपील करता हूॅ कि जो पूर्व से कर निर्धारित है उनकी ही वसूली समय पर कर ली जावे तो नई कर वृद्धि की अवश्यकता ही नही पडे़गी। अतएव आमजन के हित में भाजपा सरकार के निर्देश पर की गई कर वृद्धि तत्काल वापस ली जावे।