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आष्टा। मप्र में नगरीय निकायों के चुनावों को लेकर कभी भी मप्र में चुनाव आयोग घोषणा कर सकता है,इसका आभास इससे लग रहा है की 3 मार्च को सभी निकायों की मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। नपा चुनाव को लेकर आष्टा में भाजपा,कांग्रेस और इस बार फिर पिछले चुनाव की तरह निर्दलीय दावेदार अपनी अपनी बिछात बिछाने में व्यस्त हो गये है। बात वार्डो से लड़ने वाले पार्षदों की नही है,बात है अध्यक्ष पद के दावेदारों की। जब से नपा चुनाव की एक तरह से गतिविधियां शुरू हुई है,तब से दावेदार सक्रिय हो गये है,कुछ दावेदार तो इतने सक्रिय हो गये मानो उनकी पार्टी ने उनका टिकिट ही लगभग घोषित कर दिया है। कुछ दावेदारों ने तो दोनों हाथों से खर्चा शुरू कर ये जता रहे है,जैसे चुनाव पैसों से जीता जायेगा, वोट से नही,ऐसे दावेदारों के लिये क्या लिखे.?

आष्टा नपा को हे नई परिषद के चुन कर आने का इंतजार….


कल से तो दावेदारों,राजनीतिक दलों के दावेदारों,नेताओ,समर्थकों ने सोशल मीडिया को आरोप प्रत्यारोप का अखाड़ा बना दिया है,कोई अपनी उपलब्धि गिना रहा है,कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है,कुछ नासमझ तो ऐसी भाषा का उपयोग कर रहे है,जिसको समझदार,पढ़ा लिखा व्यक्ति कभी भी पसंद नही करेगा। जिनके आज मुह खुल रहे है,वे उस वक्त मुह में दही जमा कर क्यो बैठे रहे,जब मुह खोलना था,कईयों ने मुह खोले लेकिन सुरसा का मुह खुलते ही बन्द क्यो हो गया.?
अब तो कुछ दावेदार सांप निकल जाने के बाद लठ्ठ पीट रहे है।
कल सोशल मीडिया पर जिस तरह की पोस्ट आई उससे ये समझ लेना जरूरी है की इस बार जब चुनाव की घोषणा के पहले ही मर्यादाएं तार तार होती नजर आ रही है,तो जब उम्मीदवार घोषित हो जायेंगे तब ये मर्यादाएं कितनी अपनी सीमा को तोड़ेगी अंदाजा अच्छी तरह से लगाया जा सकता है। आज वे लोग जो पहले नगर सरकार में अध्यक्ष, पार्षद रहे अब अपनी उपलब्धियां बताते,गिनाते नही थक रहे है,अरे भैय्या जब आपने बहुत कुछ किया है,चाहे वो किसी भी अध्यक्ष ने किया या चाहे किसी भी पार्षद ने किया,अगर अच्छा,सुंदर,ईमानदारी से किया तो चिंता क्यो करते हो,जो किया,जिसने किया,जैसा किया वो जनता के सामने भी तो है,उपलब्धियां ओर कमियां गिनाने वाले मेरे जागरूक शहर आष्टा के जागरूक,जानदार,शानदार मतदाताओं,नागरिको को यू ही ना समझे की वे जो बता रहे है,बता देंगे उस पर वे विश्वास कर लेंगे और उसके तहत ही आने वाले 5 साल का समय हर किसी के हाथ मे सोप देंगे।

ये घुंघरू जो बजते नही….पर सुनाई देते है

आष्टा का नागरिक जागरूक है,समझदार है,पढ़ा लिखा है,अपना अपने शहर की विकास की डोर किसके हाथों में सौपना है वो जानता है,समझता है और वो आने वाले नपा चुनाव में वो ही निर्णय लेगा जो उसके,उसके वार्ड के,उसके नगर के हित मे होगा।
सोशल मीडिया को अपनी अमर्यादित भाषाओं की पोस्ट से अपने शहर का वातावरण दूषित ना करे,अगर वे वाकई में इस शहर के हितैषी है,उनके मन मे शहर के विकास के लिये कुछ कर गुजरने की ललक,योजना हो तो उसे सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने रख कर अपना ध्येय बताये की अगर उन्हें उनकी पार्टी ने,पार्टी के बाद जनता ने अवसर दिया तो वे इस आस्था की नगरी को ऐसा रूप,स्वरूप देंगे। आज बड़ी बड़ी बात करने वाले बताये जिस 17 करोड़ से रामपुरा डेम से पाइप लाइन से आष्टा पानी आना था,समय बीत जाने के बाद भी क्यो नही कार्य पूर्ण हुआ।?जो विपक्ष में थे वे बताये इसको लेकर क्यो आवाज समय रहते नही उठाई.?
जो बड़ी बड़ी बातें आज कर रहे है वे बताये आज आष्टा नगर में बहार से आने वाले नागरिको,महिलाओं को शंका समाधान के लिये शहर में कही कोई बाथरुमो की व्यवस्था क्यो नही कर पाये, क्या उन्हें उनका दुख मालूम है जो शंका समाधान के लिये परेशान होते है,खास करके महिलाएं जो मजबूरी में शर्म से किसी के घर पहुच कर राहत महसूस करती है। नगर के सार्वजनिक चौराहो, बाजारों से आज तक कचरे की अड्डिया क्यो नही हटवा पाये,जीवन दायनिय पार्वती में आज तक शहर का गंदा पानी क्यो मिल रहा है.?

फाइल चित्र, सब को हे नपा चुनाव का इंतजार…….

नगर को साफ,स्वच्छ,सुंदर,समस्याओं से मुक्त करने की क्या योजना है.? ये प्रश्न किसी एक से नही पूर्व की पूरी परिषद से है,इस लिये अब लठ्ठ पीटने से कोई मतलब नही है,क्योकि चिड़िया तो खेत चुग गई है। खेत किसने चुगा,कितना चुगा,कौन नही चुग पाया ये भी सब जानते है.? अब तो ये बताओ की आने वाले समय मे क्या करेंगे। एक अनाड़ी, नासमझ दावेदार प्रतिनिधि तो पत्रकारो की कलम खरीदने ही निकल पढे,जो ये हीन घटिया हरकत वो आज कुछ भी नही होने पर कर सकता है,उसे अगर पावर दे दिया तो क्या करेगा.?
दवरदारो निवेदन है,वे आरोप प्रत्यारोप लगाने के बदले जनता को ये बताये की अगर उन्हें सेवा का अवसर मिला तो आष्टा के विकास के लिये उनके तरकस में ये तीर है,जो विकास के लिये चलेंगे। हम सब दावेदारों की दावेदारी को सही मानते है,क्योकि मांगने का हक सभी को हे,लेकिन मर्यादाएं ना तोड़े हम सब आष्टा के है-आष्टा भी हम सबका है” “जय आष्टा-जय मप्र”

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