आष्टा। तहसील परिसर आष्टा में वर्षों पूर्व याचिका लेखक अपनी-अपनी टेबल कुर्सी लगाकर घर से हाथों में अपनी अटैची, अटैची में याचिका एवं दस्तावेज लेखन का सामान लेकर आते थे,टेबलों पर बैठ कर दिन भर कार्य कर शाम को अपनी अटैची लेकर घर चले जाते थे।
वर्षों तक समस्याओं से जूझ कर तहसील परिसर में याचिका लेखक टेबल कुर्सी के सहारे अपनी रोजी रोटी कमाते रहे।
कुछ वर्षों पूर्व याचिका लेखकों को उस वक्त तहसील में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों ने तहसील को व्यवस्तिथ नजर आने के उद्देश्य से इन याचिका लेखकों की टेबल कुर्सियां हटवा कर तहसील परिसर को व्यवस्तिथ सुंदर कर बाउन्ड्री के आस पास पौधे लगवाये,तथा याचिका लेखकों को एक लाइन से मौखिक रूप से बैठने का स्थान उपलब्ध कराया, जो आज नजर आता है।
तहसील में बने छोटे-छोटे स्थान कम पड़ने लगे और दस्तावेज लेखकों की संख्या बढ़ने लगी। एक बार पुनः तहसील का परिसर अव्यवस्थित रूप से नजर आने लगा कुछ दिनों पूर्व दो दस्तावेज लेखकों ने दो रोजगार केंद्र पक्के बना लिए।
पिछले दिनों जब कमिश्नर श्री कविंद्र कियावत तहसील के निरीक्षण पर आए थे तब उनकी निगाह इन नव निर्माणाधीन याचिका लेखकों के नये केंद्र पर पड़ गई थी जिसके कारण आज इन दोनों नवनिर्मित याचिका लेखकों के रोजगार केन्द्र पर जेसीबी का पंजा चला और यह दोनों जमींदोज हो गए।
यहां यह बड़ा प्रश्न है कि क्या तहसील परिसर में यह दोनों नवनिर्मित रोजगार केंद्र ही अवैध अतिक्रमण के प्रतीक थे.?
आज जो जेसीबी का पंजा चला वो क्या यही तक सीमित रहेगा या आगे बढ़ेगा.!
अगर आगे नही बढ़ा तो इन दोनों का क्या दोष था.? प्रशासन को सुझाव है की कुछ ऐसी व्यवस्था की जाये की सभी याचिका लेखकों को दो जुन की दाल रोटी मिलती रहे,जो लोग इस परिसर में समस्या पैदा करते है,उन्हें जरूर ठीक किया जाना चाहिये।
तहसील में याचिका लेखकों का होना आज के डिजिटल युग मे अति महत्वपूर्ण भूमिका के साथ उनकी इस ही परिसर में अति आवश्यकता भी है,इससे इंकार नही किया जा सकता है। उम्मीद है प्रशासन किसी को बेरोजगार नही करेगा,व्यवस्तिथ जरूर करेगा.!
इनका कहना है:-नही ऐसा कुछ नही है,कमिश्नर साहब के निर्देशों के तहत तहसील परिसर को साफ,स्वच्छ, सुंदर बनाने के उद्देश्य से साफ सफाई कराई जा रही है,जेसीबी से डीपी के पास जो बना था उसे हटा कर सफाई कराई है,यहा एक पब्लिक टॉयलेट बनवाना है,किसी को कोई गुमटी नही रखने दी जायेगी, उक्त स्थल को साफ कराया गया है-श्री रघुवीरसिंह मरावी तहसीलदार आष्टा