दरकते रिश्तों की दास्तान…तीन-तीन बेटों के होते हुए जीवन के अंतिम पढ़ाव में भरण-पोषण के लिए एक मॉं को सीहोर एसडीएम से लगानी पड़ी गुहारमॉं के प्रति बच्चों में सुप्त होती संवेदना का मामला एसडीएम कोर्ट में पहुचा..मॉं का भरण-पोषण नहीं करने पर एक पुत्र को जाना पड़ा जेलपुत्रों को प्रतिमाह भरण-पोषण राशि देने के एसडीएम ने दिए आदेश
सीहोर । जिस मॉं ने नौ माह तक अपने बच्चों को अपनी कोख मे रखा । जन्म देकर पाला पोषा, बड़ा किया और उंगली पकड़ कर जीवन की राह पर…