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आष्टा । सीहोर जिले की ए क्लॉस की आष्टा मंडी जिसे शासन ई मंडी के रूप में विकसित कर मंडी में ई मंडी की सभी सुविधाएं किसानों,व्यापारियों,तुलावटियों,हम्मालों को उपलब्ध करा कर लगातार इन व्यवस्थाओ में ओर क्या सुधार किया जा सकता है को लेकर भोपाल मंडी बोर्ड से लेकर दिल्ली तक प्रयास जारी है।

इसी कड़ी में आज मप्र के सीहोर जिले की सबसे बड़ी मंडी आष्टा को ई मंडी के रूप में विकसित किया गया है। अब इस ई मंडी आष्टा में आने वाले किसान को क्या ओर अधिक अच्छी सुविधाए दी जा सकती है,किसान कम से कम समय मंडी में रुके,

उसे उसकी उपज का कैसे उचित,अच्छा भरपूर भाव मिले को देखने समझने,जानने के लिये आज कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार के अध्यक्ष श्री विजयपाल शर्मा,आयोग के सदस्य श्री नवीन प्रकाशसिंह,श्री रतन लाल डागा, श्री अनुपम मित्र ने आज आष्टा की ई मंडी का भ्रमण किया।

उन्होंने ई पर्ची कक्ष,नीलामी स्थल,व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर पहुच कर कार्यप्रणाली को देखा,किसान,कर्मचारियों,व्यापारियों से जानकारी ली,चर्चा की । भ्रमण के बाद रवाना होने के पूर्व आज दौरे को लेकर आष्टा हैडलाइन से खास चर्चा में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष श्री विजयपाल शर्मा ने पूछे प्रश्न का जवाब देते हुए कहा की

आज आष्टा की ई मंडी का भ्रमण,निरीक्षण किया मंडी में कमियां तो बहुत ज्यादा नही नजर आई। किसान जो कृषि उपज लाता है उसकी क्वालिटी में अगर वो घर से ही उपज को साफ कर,सूखा कर लाये तो लगा की उसे उसकी उपज का ओर अधिक मूल्य प्राप्त हो सकता है,इसको लेकर किसानों को समझाने, उन्हें जानकारी देने की आवश्यकता है।

अगर किसान अपनी उपज को घर से ही साफ कर,सूखा कर लाता है तो मंडी में उसकी लाई गई उपज का अच्छा भाव प्राप्त होगा। हमारा यही प्रयास है की ऐसी प्रणाली सुविधाए विकसित की जाये कि किसान को कम से कम समय मंडी में रहना पढे, उसे उसकी उपज का अच्छा भाव मिले, उसे भरपूर सुविधाए मिले यही आज के दौरे का मुख्य उद्देश्य है।

एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा की हमारा यही प्रयास है की किसान के ऊपर कोई खर्च का बोझ ना पड़े। ऐसे सिस्टम को विकसित करने के प्रयास हो।
आष्टा मंडी के भ्रमण के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल,

मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री श्रीमन शुक्ला मंडी बोर्ड, कलेक्टर सीहोर श्री प्रवीण सिंह अढ़ायच, श्री चंद्रशेखर वशिष्ठ अपर संचालक मंडी बोर्ड, श्रीमती रितु चौहान संयुक्त संचालक मंडी बोर्ड, योगेश नागले, सहायक संचालक, मंडी बोर्ड सहित अन्य अधिकारी उपस्तिथ रहे।

दिल्ली की टीम के दौरे को लेकर आष्टा मंडी ने जो छुपाने के प्रयास किये वो प्रेस के कैमरों में हो गये कैद

दिल्ली से आई टीम के दौरे को लेकर आष्टा मंडी सचिव विगत दो दिनों से आष्टा मंडी की पहचान बन चुकी,गंदगी,उड़ती धूल,कचरे के जगाह जगाह ढेर को छुपाने,साफ सफाई कराने, के काफी प्रयास किये।

मुख्य स्थल साफ स्वच्छ नजर भी आये,लेकिन कहते है ना काले चेहरे पर कितना ही डेंटिंग पेंटिंग कर दो सच्चाई को छुपाया नही जा सकता है और आज ऐसा ही हुआ भी। लेकिन प्रेस के कैमरों में वो सब कैद हुआ जो इस दूध देती गाय रूपी मंडी की असली पहचान है।

आज भी मंडी में खुला टूटा बाथरूम चीख चीख कर कह रहा था की सफाई मत कराओ पर दीवार तो खड़ी करवा दो ताकि जो लोग लघुशंका के लिये खड़े हो उन्हें शर्म ना आये। बाथरूम के पास गंदगी,कचरे के ढेर,खुली पड़ी डीपी सब कुछ बया कर रही थी।

मंडी में पीने के पानी की टंकी के आस पास गंदगी साफ नजर आई। टंकी से पानी पी रहे एक व्यक्ति ने कैमरे पर कहा इसका अच्छे से फोटो लेना,कई दिनों से इसकी सफाई ही नही हुई है।

जिस मंडी की सचिव एक महिला है,उस मंडी में महिलाओं के लिये बने एक मात्र शौचालय में महीनों से ताला लगा है,जबकि मंडी में सैकड़ो महिलाएं उपज छनाई-बिनाई का दिन भर कार्य करती है..!

आज जब आष्टा हैडलाइन का कैमरा मंडी में घूमा तो बड़ा आश्चर्य नजर आया की जिस आष्टा मंडी में रोजाना व्यापारियों की दुकान पर उपज बीनने, छानने के लिये सैकड़ो महिलाएं काम पर आती है,उनकी सुविधा के लिये मंडी ने,मंडी के एक कोने में महिला शौचालय बनाया।

लेकिन उस महिला शौचालय में जो ताला लगा उसकी हालत देखने से लगा की इस सुविधा केंद्र का कई महीनों से ताला ही नही खुला है। वही पास में पुरुषों के लिये एक फाइबर का शौचालय धूल खा रहा है। उक्त महिला शौचालय में तला लगा होने से महिलाएं कितनी परेशान होती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

पूरे समय प्रेस के सदस्य खड़े रहे पर मंडी सचिव ने उन्हें बैठने के लिये कुर्सियां तक उपलब्ध नही कराई

आष्टा मंडी में जब से श्रीमति प्रवीण चौधरी मंडी सचिव के रूप में पदस्थ हुई है,उन्होंने तब से लेकर आज तक पूरी तरह स्थानीय प्रेस से पूरी तरह लगभग दूरी बना कर रखी हुई है। यही कारण भी है की मंडी प्रशासन और प्रेस के बीच संवाद विहीन की स्तिथि बनी हुई है।

आज दिल्ली से आई टीम के दौरान खबर को कवरेज करने स्थानीय मीडिया कर्मी मंडी पहुचे,वे पूरे समय जब तक अधिकारियों का मीटिंग कक्ष में चर्चा का दौर चल रहा था तब तक खड़े रहे। मंडी सचिव प्रवीण चौधरी ने किसी भी मीडिया कर्मी को बैठने के लिये कुर्सियां उपलब्ध कराना तो दूर उनसे उन्होंने बात करना भी उचित नही समझा।

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