आष्टा । आष्टा नगर की मेवाड़ा कॉलोनी में रहने वाले एक 18 वर्षीय युवक ने 16 फरवरी 2020 को अज्ञात कारणों के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया था जिसे परिजन सिविल अस्पताल आष्टा ले गए थे गंभीर हालत होने पर उसे परिजन इलाज हेतु इंदौर ले गए तथा इंदौर में एक प्राइवेट चिकित्सालय में उसे भर्ती किया गया जहां पर उसकी मौत हो गई।

युवक की मौत के बाद प्राइवेट अस्पताल ने संबंधित विजयनगर थाना पुलिस को सूचना की संबंधित थाने में मर्ग कायम किया गया। मृतक युवक जो की सीहोर जिले के आष्टा थाना क्षेत्र का था,इसलिए विजयनगर पुलिस को शून्य पर मर्ग कायम कर उसकी केश डायरी सीहोर जिला पुलिस को भेजी जाना थी। इंदौर के विजयनगर थाना पुलिस ने सूचना दिनांक को ही अपने यहा शून्य पर मर्ग भी कायम कर लिया लेकिन इस थाने की घोर लापरवाही के कारण उक्त युवक की मर्ग केश डायरी को थाने में ही पटक रखा गया।

उक्त संबंधित विजय नगर थाने की घोर लापरवाही कल उस वक्त सामने आई जब उक्त युवक की केस डायरी उसकी मौत के 9 महीने बाद जिला पुलिस सीहोर को विजयनगर थाना पुलिस द्वारा भेजी गई।
सीहोर आई केश डायरी 17 नवम्बर को आष्टा पहुंची।
17 नवम्बर को आष्टा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया ।
इस मामले में आष्टा पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 फरवरी 2020 को आष्टा नगर की मेवाड़ा कॉलोनी में रहने वाले 18 वर्षीय युवक सतीश मेवाड़ा पिता विष्णु मेवाड़ा ने अज्ञात कारणों के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया था।

हालत गम्भीर होने पर उसे परिजन उच्च इलाज हेतु इंदौर के एक प्राइवेट चिकित्सालय में ले गए जहां उसकी उसी दिनांक को देर रात्रि में मौत हो गई। जिस प्राइवेट अस्पताल में उक्त मृत्यु हुई थी,उसकी और से उसी दिनांक को सम्बंधित थाने को सूचना भी दी गई,पुलिस ने मर्ग भी कायम कर लिया तो ये बात किसी की समझ में नही आ रहा है की आखिर विजयनगर थाना पुलिस
इंदौर ने उक्त मामले की केस डायरी करीब 9 महीने बाद जिला पुलिस सीहोर को क्यो भेजी.? क्या इंदौर एसपी इस मामले में लापरवाह विजय नगर थाना पुलिस से जवाब तलब करेंगे.?
