आष्टा। आज सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन एवं जिला दिव्यांग विभाग एवं पुनर्वास केंद्र सीहोर द्वारा आष्टा नगर के कम्युसनिटी हॉल में एक दिव्यांग परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें दिव्यांग जनों का डॉक्टरों की टीम द्वारा परीक्षण कर उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये जाने थे। दिव्यांग जनों को एवं उनके परिजनों को दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिये भटकना ना पड़े,उन्हें व उनके परिजनों को सीहोर के चक्कर ना लगाना पड़े इसके लिये शासन प्रशासन ने दिव्यांगों के लिये इस तरह के शिविरों का समय समय पर आयोजन कर बड़ी राहत पहुचाने का नेक कार्य शुरू किया।
कुछ माह पूर्व जनपद में ऐसा ही शिविर लगा था जिसका पर्याप्त प्रचार प्रसार होने के कारण शिविर में इतने लोग पहुचे थे कि जनपद में जगाह कम पड़ गई थी। वही आज कम्युनिटी हाल में जो शिविर लगा उसमे शिविर स्थल पूरी तरह से खाली नजर आया। शिविर में दिव्यांगों की जो जांच ओर उनके प्रमाण पत्रों की संख्या का आंकड़ा शतक के अंक को भी नही छू पाया। एक अच्छे उद्देश्य को लेकर लगने वाले इस शिविर की यह दशा क्यो हुई,इसका जिम्मेदार कौन है इसको संज्ञान में लेने की आवश्यकता है।
आज जब हमने इस शिविर स्थल को देखा तो ऐसा लगा जैसे शिविर के नाम पर मात्र खानापूर्ति एवं रस्म अदायगी की जा रही है। आज लगने वाले इस शिविर का कोई प्रचार-प्रसार नही किया गया,कोई जानकारी सूचना आदि नहीं होने और ना ही करने से जिन पात्र लोगों को सरकार द्वारा शिविरों के माध्यम से जो अच्छे लाभ आज मिलना चाहिए वह लाभ मिलने से वंचित रहे। दोपहर बाद आज जब हमने इस शिविर स्थल को कवर किया तब डॉक्टरों की टीम के कक्ष में सभी डॉक्टर उपस्थित तो थे लेकिन शिविर में किसी भी डॉक्टर के पास कोई मरीज नहीं था।
वही परीक्षण कक्ष में दिव्यांगों के लिए जो कुर्सियां लगाई गई थी दो को छोड़कर सभी कुर्सियां खाली पड़ी थी जहां पंजीयन किया जा रहा था उस स्थल पर भी केवल 5 से 6 लोग उपस्थित थे। जब आज इस बारे जानकारी ली गई तब ज्ञात हुआ की आज जो शिविर लगा उसकी जिले से जिम्मेदारों ने कल शाम को जानकारी दी कि 14 को शिविर लगेगा।
समय पर इस शिविर की सूचना ना देने के कारण ना ही इस शिविर का कोई प्रचार प्रसार होने के कारण अच्छे परिणाम देने वाले शिविर का पात्र लोगो को वो लाभ नहीं प्राप्त हुआ जो मिल सकता था। आज लगे शिविर में जो यह बड़ी लापरवाही सामने आई इसको संज्ञान में लेना चाहिए। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शिविर में करीब 70 से 80 दिव्यांगों की जांच हुई इनके प्रमाण पत्र सीहोर से बन कर आयेंगे।