आष्टा। ब्राह्मणों ,व यज्ञोपवीत
द्विजों का महापर्व श्रावणी प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आज रविवार को नगर के प्राचीन शंकर मंदिर व मां पार्वती की तट पर नगरपुरोहित पं मनीष पाठक के आचार्यत्व में सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम प्राश्चित संकल्प लिया पंचगव्य को लेकर तथा पवित्र कुश एवं आडिझाड़े से स्नान कर द्विजजनो ने संस्कार किया।
साथ ही कोरोना काल मे मृत हुऐ प्राणियों को जलांजलि देकर मोक्ष की कामना की। पं पाठक ने बताया कि इस दिन जिनका यज्ञोपवीत संस्कार हो चुका है,वह पुराना यज्ञोपवीत उतार कर नवीन यज्ञोपवीत धारण करता है। इस संस्कार से व्यक्ति का दूसरा जन्म हुआ माना जाता है। इसी को ध्यान में रखकर विप्र व द्विजजनो ने श्रावणी व जलांजलि का कार्य सम्पन्न किया
“देवऋषियो को दी आहुति” स्नान,तर्पण के बाद ऋषिपुजन सूर्य उपासना,एवं यज्ञोपवीत पूजन तथा नवीन यज्ञोपवीत आत्मसयंम के लिये धारण किया इसी के साथ विप्र एवं द्विजजनो ने स्वाध्याय कर आहुतियां देकर सप्तऋषयो को नमन किया।उसके बाद एक दुसरो को यज्ञोपवीत समर्पित कर वरिष्ठजनों से आशीर्वाद प्राप्त किया।
आयोजित कार्यक्रम में पं चंद्रशेखर पंडिया, पं यदुनंदन शास्त्री,पं प्रेमनारायण शर्मा,हरिनारायण शर्मा ,कांतिलाल जोशी,मधुसूदन पाठक,अखंडब्राह्मण समाज अध्यक्ष राजेश शर्मा, धर्माधिकारी पं गजेंद्र शर्मा,पं ओमप्रकाश शर्मा, सुनील शर्मा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सेवा संघ कमल वैष्णव, नगर अध्यक्ष सेवा संघ निर्मल वैष्णव, पत्रकार राकेश वैष्णव ,वेदप्रकाश पिपलोदिया,गणेश मंदिर महंत विष्णुदास,उज्जवल पंड्या,चेतन पंड्या शशांक शर्मा , कार्तिकेय शर्मा दिनेश वैष्णव आदि व बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे।