Spread the love


आष्टा। पूर्व में 14 पूर्वो का ज्ञान था, वर्तमान में कोई केवल ज्ञानी नहीं है, आज आगमों के रूप में हमारे पास थोड़ा सा ज्ञान है उस पर भी अगर हम श्रद्धा नहीं रखेंगे विश्वास नहीं करेंगे तो धर्म आराधना नहीं कर सकते हैं। आगम ही आज ज्ञान के रूप में हमारे पास है। हमें उन आगमों को प्रमाणिक मानना होगा उस पर अटूट श्रद्धा और विश्वास रखना होगा। उक्त उदगार महावीर भवन स्थानक में चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य मुनि श्री संयत मुनि जी ने धर्मसभा को जिनवाणी सुनाते हुए कहे।

पूज्य संयत मुनि जी ने कहा की केवल ज्ञान प्राप्त होने के बाद केवल ज्ञानियों ने जो वाणी फरमाइ उन्हें 14 पूर्व का ज्ञान था वर्तमान में कोई केवल ज्ञानी नहीं है। आगमों के रूप में हमारे पास थोड़ा सा ज्ञान है उस पर भी अगर श्रद्धा नहीं रखेंगे तो धर्म आराधना नहीं कर सकते। भगवान महावीर ने पहले ही कह दिया था कि मेरा शासन 21000 वर्षों तक चलेगा। आगमो में जो कहा है उस पर अविश्वास करने वालों की भी कमी नहीं है। पूज्य मुनि श्री संयत मुनि श्री ने इस को समझाने के लिए उदाहरण देते हुए कहा कि आज देश में किसका शासन है, श्रावक श्राविकाओ ने उत्तर दिया, देश में मोदी जी का शासन है तब महाराज श्री ने समझाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है मोदी जी का शासन देश में चल रहा है लेकिन क्या मोदी जी यह शासन उनके घर से चला रहे हैं, नहीं, शासन मोदी जी का है या पहले किसी का भी रहा हो, जिसने भी शासन चलाया है वह शासन संविधान के अनुसार ही चलाया है मतलब साफ है कि संविधान में जो लिखा है वही सत्य है।

पीएम कोई भी हो शासन संविधान के अनुसार ही चलता है। बस उसी तरह आगम में जो लिखा है,जो बताया गया है, जो कहा गया है, वही अटल सत्य है उस पर हमें विश्वास करना होगा। जो आज्ञा में चलते हैं हमेशा जीत उसकी होती है हमें भी भगवान की आज्ञा में चलना है। इसके लिए आगमो के ऊपर श्रद्धा विश्वास रखना होगा। भगवान की वाणी का श्रवण अटूट श्रद्धा रखकर श्रवण करें। जो सर्वज्ञ होते हैं वे कभी झूठ नहीं बोलते उनकी कही बातों में ना कोई शंका होती है और ना ही कोई भ्रम होता है।

हर खबर पर नजर……

वही जो छदमस्त होते हैं वह झूठ भी बोलते हैं और उनकी कही बातों पर भ्रम और शंका भी हो सकती है। महाराज श्री ने बताया कि देवकुरु उत्तर कुरूक्षेत्र में आज भी वहां के लोग लोगों की लंबाई 3 कोस लंबी होती है। जिनवाणी गन्ने की तरह होती है जो ऊपर से फिकी लगती है लेकिन जब गन्ने को छील कर उसको खाया जाता है,उसे चूसा जाता है तब वह मीठा लगता है जिनवाणी भी शुरू शुरू में फीकी लगती है लेकिन उस जिनवाणी में जितने उतरते जाओगे वह जिनवाणी मीठी लगने लगती है। उसे अटूट श्रद्धा और भक्ति से श्रवण करें। भगवान की वाणी कभी गलत नहीं होती है जिनवाणी अटल सत्य है। संयत मुनि जी के पूर्व पूज्य मुनि श्री सुभेष मुनि ने अपने प्रवचन में कहा कि ये जीवन आदिकाल से संसार में बना हुआ है उसे वह अच्छा लगता है, जबकि संसार के सुख और भोग गोबर के समान बताए हैं।

आज भगवान की वाणी सुनने स्थानक और मंदिर जाने में बहाने बनाए जाते हैं अगर कर्मों को खत्म करना है तो धर्म आराधना जरूरी है। आसातावेदनीय कर्म किए गए पापों के कारण उदय में आते हैं। महाराज साहब ने कहा  कि जो बासुदेव होते हैं उनका तीन खंड का राज होता है कृष्ण वासुदेव जिन्हें मालूम है कि वह दीक्षा नहीं लेंगे लेकिन लोगों को दीक्षा के लिए भी प्रेरणा जरूर करते हैं। महाराज साहब ने  संसार के सुख को गोबर के समान एवं जिनेश्वर की वाणी को फूलों के अंदर पराग के समान बताया।चातुर्मास प्रारम्भ होते ही पूज्य मुनिश्री के शुभ सानिध्य में तपस्या का क्रम भी जारी हो गया है,बहार से श्रद्धालुओं का आने का भी क्रम जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!