आष्टा। कल जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सीहोर में सम्पन्न हुई बैठक में निर्णय होने के बाद जिला प्रशासन ने लिये निर्णय का आदेश,निर्देश,जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से समाचार भी जारी किया। निर्णय लिया गया कि 7 जून से दिन का कोरोना कर्फ्यू खत्म होगा,सभी दुकाने प्रातः 6 से रात 8 बजे खुलेगी,प्रति शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार प्रातः 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा सभी दुकाने बन्द रहेगी।
जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के निर्णय के बाद आष्टा में देर शाम स्थानीय प्रशासन ने मुनादी भी कराई,जिसमे सूचना दी गई कि शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार प्रातः 6 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू रहेगा,सभी दुकाने बन्द रहेगी। लेकिन आज प्रातः 6 बजे रोजाना की तरह शब्जी मंडी में किसान रोजाना की तरह शब्जिया ले कर नीलामी हेतु मंडी पहुचे,शब्जी मंडी में शब्जी नीलाम भी हो गई,छोटे छोटे नगर के शब्जी बिक्रेताओं ने शब्जिया भी नीलामी में खरीद दी,रोजाना की तरह वे शब्जिया विक्रय हेतु गली,मोहल्ले,बाजार,कालोनियों में भी निकल गये ।
ये सब होने के बाद प्रशासन की नींद खुली भ्रमण पर निकली प्रशासन की गाड़ी में बैठे अधिकारियों ने उन्हें खदेड़ना शुरू किया। भवानी चौक से तो प्रशासन की आई गाड़ी एक फल बिक्रेता के ठेले से फल तोलने के तराजू बांट ही उठा कर अपने साथ ले गये। बेचारे गरीब शब्जी बिक्रेताओं के सामने अब ये बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया कि जो शब्जी बेचने हेतु खरीद ली अगर वो नही बेची तो खराब हो जायेगी और गरीबी में ओर आटा गिला हो जायेगा।
शब्जी मंडी व्यापारी संघ के प्रमुख नरेंद्र कुशवाह ने बताया हमे प्रशासन ने कोई सूचना नही दी थी,आज किसान शब्जी लाये,नीलम की गई,आज भी हमे कोई सूचना नही है। वही आज ये समझ मे नही आया की आज जनता कर्फ्यू है,या केवल दुकाने बन्द रखने का निर्णय अर्थात कोरोना कर्फ्यू क्योकि इन दोनों की परिभाषा अलग अलग है।
आज नगर में प्रातः से ही नगर की जो स्तिथि,चहल पहल नजर आई उससे कही ये नही लगा की जनता कर्फ्यू लागू है,हा ये जरूर नजर आया कि आज कोरोना कर्फ्यू लागू है,जैसा अनलॉक के पहले कोरोना कर्फ्यू लागू था।
आज कहा चूक हुई,कहा असामंजस की स्तिथि बनी,क्यो बनी.? ये सब मंथन का कारण है.?