आष्टा। नगर के प्रमुख जल स्रोतों में शामिल कन्नौद रोड़ के काला तालाब पर कल शाम से पोकलैंड मशीन के माध्यम से तालाब में मिट्टी का अवैध उत्खनन आखिर किसके आशीर्वाद से हो रहा है.? आज प्रातः सूत्रों ने कल शाम से काले तालाब से मिट्टी के खनन की प्रक्रिया पोकलेन मशीन से जारी होने पर जब खबर आई
तब इस मामले को लेकर आष्टा एसडीएम विजय कुमार मंडलोई से जानकारी ली गई कि क्या राजस्व विभाग ने या नपा ने काले तालाब से मिट्टी के खनन की परमिशन दी तब बताया गया तहसील से इस तरह की कोई परमिशन नही दी गई।
फिर नपा से जानकारी ली गई कि क्या नपा ने अपने अधिपत्य के इस तालाब से मिट्टी के उत्खनन की किसी को क्या कोई परमिशन दी गई तब नपा से भी जानकारी दी गई कि नपा ने किसी को भी कोई परमिशन उत्खनन के लिये नही दी गई। जब राजस्व विभाग ने परमिशन नही दी,नपा ने परमिशन नही दी तो स्पष्ट है तालाब से मिट्टी का अवैध उत्खनन हो रहा है,आखिर इस अवैध उत्खनन का आशीर्वाद दाता कौन.?,आश्चर्य तो इस बात का है की खुल्लम खुल्ला कल शाम से आज तक अवैध उत्खनन होता रहा और पूरा प्रशासन नपा मूक दर्शक बना देखता रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मई माह के प्रथम सप्ताह में काला तालाब के गहरीकरण के लिए लोगों ने प्रशासन एवं नगरपालिका के समक्ष गुहार लगाई थी तो बताया गया था कि कोरोना काल चल रहा है, अभी गहरीकरण तालाब का नहीं कराया जा सकता। लेकिन अचानक 31 मई की शाम से काला तालाब में पोकलैंन मशीन के माध्यम से अवैध उत्खनन किया जा रहा है ।इस संबंध में जब एसडीएम विजय मंडलोई से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं है और न ही उन्होंने कोई अनुमति दी है। प्रशासन द्वारा इस तालाब में उत्खनन के लिए कोई अनुमति जारी नहीं की गई।
दूसरी तरफ सहायक यंत्री नगरपालिका देवेंद्र सिंह चौहान से जब पत्रकारो ने चर्चा की तो उन्होंने भी गहरीकरण या उत्खनन के लिए अनुमति देने से इंकार किया। श्री चौहान ने कहा कि नगरपालिका ने कोई अनुमति किसी को नहीं दी है ।लेकिन एसडीएम श्री मंडलोई ने यह जरूर कहा कि नपा सहायक यंत्री श्री चौहान को यह निर्देश अवश्य दिए गए थे कि काला तालाब एवं खेड़ापति कमल तालाब के गहरीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की जाए।
तो फिर उत्खनन कैसे किया जा रहा है और कौन कर रहा है ,इसके लिए एसडीएम श्री मंडलोई ने सहायक यंत्री श्री चौहान को निर्देशित किया। निर्देश मिलने के बाद नपा ने प्रातः एक कर्मी को भी मौके पर भेजा था,लेकिन उसके बाद भी पूरे दिन काला तालाब से बिना परमिशन के पोकलेन मशीन से सीना तान कर अवैध रूप से मिट्टी का उत्खनन होता रहा। क्या इस गम्भीर मामले को प्रशासन संज्ञान में लेगा।
इनका कहना है-नही मिट्टी खुदाई की किसी को कोई परमिशन नही दी है, काला और कमल तालाब का गहरीकरण तो कराना है कोविड के कारण रोका गया है,नपा इंजीनियर देवेन्द्र सिंह चौहान को दोनों तालाबो का गहरीकरण कराने की योजना बनाने को कहा है,इसमें दो ही स्तिथि बन सकती है या तो नपा अपने खर्चे से कराये और जो मिट्टी ले जाये उससे नपा शुल्क ले,दूसरा यह भी है की जिसे आवश्यकता हो वो अपने खर्चे से खुद ले जाये,देखते है क्या योजना बन सकती है-विजय कुमार मंडलोई एसडीएम आष्टा