Spread the love

आष्टा। जिन्हें 60 साल तक इस देवतुल्य ऋषि,मुनियों, ज्ञानियों की धरा पर शासन करने का समय मिल उन्होंने शिक्षा के नाम पर केवल बाबुओं की फ़ौज खड़ी की,73 साल बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार को नई शिक्षा नीति लागू करने का सुअवसर मिला है। आने वाली नई शिक्षा नीति देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्र छात्राओं को मेघावी बनने के साथ उन्हें नैतिक,राष्ट्रभक्ति, संस्कारो,सौहार्द्र की शिक्षा का समावेश होगा।

प्रदेश में कुछ ऐसे भी प्राइवेट स्कूल है जो पहले काफी छोटे थे और आज उनमें हजारों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं,ये उदगार मप्र के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने आष्टा में सोसायटी फ़ॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स संस्था के प्रांतीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहे। मंत्री श्री पटेल ने कहा मैं आज सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स के प्रांतीय अधिवेशन में उपस्थित सभी स्कूल संचालकों से यही अपेक्षा करूंगा कि वह अपने विद्यालयों में प्रत्येक बच्चों को चार बात की शिक्षा अवश्य दें,ये चार सूत्र है, उन्हें स्वाभिमानी ,पुरुषार्थी, चरित्रवान एवं देशभक्त बनाएं। ताकि यह देश आत्मनिर्भर एवं विकासशील बन सके। यह शिक्षा मिलते ही बच्चे अपने परिवार ,समाज, राष्ट्र एवं दुनिया के लिए उपयोगी साबित होंगे। तहसील स्तरीय अनूठा कार्यक्रम गागर में सागर के समान है आप लोगों ने समा बांध दिया है।


“असहाय ,गरीबों एवं मानवता के लिए जिए”
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपने संबोधन में उपस्थित प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि 130 करोड़ की जनसंख्या वाले इस भारत देश में पशु – पक्षी ,जीव -जंतु ,कीड़े -मकोड़े तथा चींटी से लेकर हाथी तक अपना पेट भर लेते हैं ,अपने परिवार का लालन – पालन कर लेते हैं ,लेकिन यह मनुष्य जो 84 लाख योनियों से भ्रमण करने के बाद मानव जीवन को प्राप्त किया है। वह अगर समाज, असहाय, गरीबों , देश व मानवता के लिए जिए तो उनका जीवन श्रेष्ठ व साकार होगा। क्योकि अपने लिये तो सब जीते है,हमारा मनुष्य जन्म में आना तभी सार्थक होगा जब हम अपनो के साथ साथ दुसरो के लिये भी जीये, उनके सुख दुख में सहभागी बने तो ही ये मनुष्य भव सार्थक होगा


“जीवन में सुख -समृद्धि व खुशहाली आए”
मंत्री कमल पटेल ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम विलंब से आने पर क्षमा मांगी ।
भारत देश ऋषि,मुनियों,ज्ञानियों मां नर्मदा मां सरस्वती का देश है और इनसे मे प्रार्थना करता हूं कि आपके जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली आए प्रदेश और देश को विकसित करने में आप लोग सहयोग करें भारत में पैदा हुए हैं यहां देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं। जितने भी अवतार विश्व में हुए उसमें अधिकांश भारत की पावन भूमि पर ही हुए हैं। यहां की संस्कृति ऋषि-मुनियों की रही है शिक्षा ज्ञान की देवी सरस्वती शुरू से समाज के जिम्मे रही है सरकारों के पास तो बाद में आई है पहले गुरुकुल आश्रम होते थे जहां पर भगवान श्री राम लक्ष्मण शत्रुघ्न भरत, श्री कृष्ण आदि ने भी आश्रम गुरुकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त की। समाज में शिक्षा ज्ञान की परंपरा का निर्वहन ऋषि-मुनियों ने निभाया और अब आप लोग निभा रहे हैं पहले और अब की शिक्षा में परिवर्तन किया हुआ है,पहले शिक्षा को दान सेवा के रूप में देखा जाता था,समय बदला अब यह व्यवसायिक रूप ले चुकी है।

प्रदेश में 50 हजार के करीब प्राइवेट स्कूल है समाज और प्राइवेट के द्वारा यह स्कूल संचालित हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति में पढ़ लिख कर यह बच्चे अलग दिखेंगे अपने क्षेत्र में वह सफलता प्राप्त करेंगे।
“सफलता और सार्थकता में अंतर है” मंत्री श्री पटेल ने कहा कि सफलता व सार्थकता में बहुत बड़ा अंतर है ।सफलता तो कोई भी प्राप्त कर लेता है ,लेकिन जिस उद्देश्य ,लक्ष्य को लेकर वह सफलता प्राप्त करता है उसे सार्थक रूप में परिवर्तित करें ,उस पर खरा उतरे। तभी यह जीवन सार्थक होगा। श्री पटेल ने कहा मरना एक बार ,लेकिन जीना पल पल होता है।


“भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिलाएंगे” देश की जनता ने ऐसा प्रधानमंत्री दिया है जो पूरे विश्व की आंखों का तारा बना हुआ है ।भारत माता को विश्व गुरु का दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सब प्रयासरत रहेंगे और यह दृश्य भी हम अपनी आंखों से देखेंगे। जिस प्रकार आज देश राम मंदिर का निर्माण होते, धारा 370 को हटते,तीन तलाक खत्म होते,सीएए, एनआरसी सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं,जिसे हमने आंखों से देखा है ।

संकट आता है तो चुनौती के रूप में स्वीकारे और चुनौती को अवसर में बदलो।
कोरोना को कोई नहीं जानता था, भारत छोटा-मोटा टीका नहीं बना सकता था, उसने कोरोना का टीका बनाया और विदेशों में भी दिया है ।आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहयोग करें ।कोरोना काल में सब काम बंद था ,उस समय किसान ने अपने खेतों में खून पसीना बहाकर फसलों का उत्पादन किया ।पहले खेती घाटे का धंधा था, जिसे अब लाभ का धंधा बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती को लाभ का अर्थात दोगुना आमदनी करने का संकल्प 2022 का लिया था ,लेकिन हमने 2021 में ही प्रदेश में कर दिखाया है। पहले चंद उद्योगपतियों को लाभ मिलता था,लेकिन अब किसानों को भी लाभ मिलेगा ,उन्हें सब्सिडी मिलेगी यह देश आत्मनिर्भर बनने जा रहा है।इस प्रांतीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि कमल पटेल ,अध्यक्षता कर रहे विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय राकेश सुराना सहित अतिथियों का स्वागत आयोजकों ने पुष्पहार एवं साफा बांधकर किया। जिलाध्यक्ष हेमेंद्र तोमर, धर्मेंद्र गौतम, नारायण सिंह जाट आदि ने मंत्री श्री पटेल को चांदी की बैलगाड़ी वाला प्रतीक चिन्ह सौंपा।

इस प्रांतीय अधिवेशन में 
प्रदेश अध्यक्ष डॉ आशीष चटर्जी, संस्थापक  दीपक सिंह राजपूत ,संस्थापक सदस्य अजय भटनागर, महासचिव प्रवीण पानीकर, विक्रम राठौर, गौरीशंकर यादव, विनय यादव, रविशंकर राजपूत, जिला अध्यक्ष हेमंत तोमर, शिव कुमार दुबे , एनके सरकार, जगदीश प्रसाद शर्मा, मिलन शर्मा, आनंद जोशी, राघव कारवां ,सुदेश आर्य ,डूंगरसिंह ठाकुर, मिलन शर्मा समस्त प्रांतीय एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!