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सीहोर । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम के तहत हुए उपचार से प्रियांश कुशवाहा जो उठने-बैठने और चलने में असमर्थ था लेकिन इलाज के बाद अब वह दौड़ने लगा है। इलाज के बाद प्रियांश को स्वभाविक रूप से चलने फिरने और दौड़ने पर उसके माता-पिता और परिजन बेहद खुश है ।

मुंगावली निवासी राहुल कुशवाहा के पुत्र प्रियांश का जिला चिकित्सालय में जन्म हुआ । प्रियांश जन्म लेने के उपरांत से ही काफी कमजोर था। उसे जन्म के तुरंत बाद एसएनसीयू में रखा गया था। वह जन्म के तुरंत बाद न तो रोया था और न ही दूध पी रहा था। एसएनसीयू से डिस्चार्ज के उपरांत बच्चे के माता-पिता बच्चे को लेकर काफी परेशान रहते थे।

काफी उपचार के बाद ठीक नहीं होने पर डीईआईसी फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सबा बख्श के द्वारा असिसमेंट करने पर यह सामने आया कि प्रियांश की मांसपेशियों में कमजोरी व लचीलापन होने के साथ ही आयु से भी पीछे कम नजर आ रहा था।

संपूर्ण जांच के उपरांत ज्ञात हुआ कि प्रियांश को डिले डेवलपमेंट फ्लेसिड कार्डिपील्जिया जैसी बीमारी है। इसमें हाथ-पांव में अत्यंत लचीलापन रहता है और शरीर में हरकत या गति का अहसास नहीं हो पाता है । लेकिन आरबीएसके कार्यक्रम के तहत किए गए उपचार में प्रियांश को न्यूरोडेव्हलपमेंट तकनीक, बैलेंसिंग स्टेडनिंग, कोरस्टैबिलिटी गेट, ट्रेनिंग एवं विभिन्न प्रकार की एक्सरसाईज कराई गई ।

संपूर्ण उपचार शासकीय खर्च पर ही हुआ। निरंतर उपचार एवं एक्सरसाईज से प्रियांश अब चलता ही नहीं बल्कि दौड़ने लगा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम के तहत संचालित जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी) यूनिट जिला चिकित्सालय में ऐसे जरूरतमंदों बच्चों का बेहतर उपचार किया जा रहा है।

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