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“प्राण प्रतिष्ठा के साथ खुले पट, नत मस्तक हुए भक्त,भगवान की हुई प्राण प्रतिष्ठा”

आष्टा क्षेत्र के ग्राम चाचरसी में नवनिर्मित देवालय में श्रीरामदरबार एवं शिव परिवार की मूर्तियों की प्राण- प्रतिष्ठा का महोत्सव पूरे धार्मिक रीति -रिवाज के साथ यज्ञाचार्य नगरपुरोहित पं मयूर पाठक,पं मनीष पाठक एवं पं डॉ दीपेश पाठक के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। इसके पूर्व प्रातः देव प्रतिमाओं की प्राण- प्रतिष्ठा की गई।तत्पश्चात पूर्णाहुति एवं महाआरती कर महाप्रसादी का आयोजन किया गया ।

विगत दिनों से ग्राम में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों मंगलपाठ, शोभायात्रा, भजन कीर्तन आदि का आयोजन किया गया ।इसी क्रम में 22 जनवरी सोमवार को भक्तों ने बोलियां लगाकर प्रथम आरती प्रथम भोग एवं प्रथम श्रृंगार लाभार्थी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया व नतमस्तक होकर भगवान के दर्शन किए । प्रतिष्ठा के पूर्व लाई गई नवीन देव प्रतिमाओं का जल,दूध, दही,शहद, घृत, फलो के रस,गंध पदार्थों आदि से महाभिषेक किया गया।
मूर्ति प्रतिष्ठा में यह मुख्य संस्कार नेत्रों मिलन है। पँ पाठक ने बताया कि मूर्तियो को पीताम्बर से ढंककर धातु की शलाका को मधु घृत में डुबोकर प्रतिमा के नेत्र खोले गए।

नेत्रों मिलन के समय नेत्रों के सामने कुमारी कन्या से देव प्रतिमाओं को दर्पण दिखाया गया। उसके बाद काजल संस्कार व राज भोग लगाकर प्राण प्रतिष्ठा की गई। भगवान के प्रथम पट खुलते ही जय श्रीराम के जयघोष गूँजने लगे। प्रथम दर्शन के लिए मंदिर के पट खोले गए तथा महा आरती की गई। जिसे देख भक्त गण नतमस्तक हुए ।इस अवसर पर बाहर से पधारें ग्रामीण जन सहित ग्राम के भक्त एवं माता -बहने बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

“मुनि भूतबलि सागर महाराज को शुजालपुर पहुंच कर आष्टा पधारने हेतु समाजजनों ने श्रीफल भेंट किया”

आष्टा दिगंबर जैन समाज ने शुजालपुर पहुंच कर परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य मुनि श्री भूतबलि सागर जी महाराज ससंघ को आष्टा पधारने हेतु श्रीफल भेंट किया।

पूज्य गुरुदेव भूतबलि सागर महाराज ससंघ शुजालपुर में विराजमान है। दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष आनंद जैन पोरवाल के नेतृत्व में सैकड़ों श्रावक -श्राविकाओं ने शुजालपुर पहुंच कर पूज्य मुनि श्री को आष्टा शुभागमन की भावना को लेकर श्रीफल भेंट किया।पूज्य मुनि श्री ने इस अवसर पर अपने आशीष वचन मांगलिक में बताया कि हर आत्मा में राम है, बस उसे पहचानने की जरूरत है।उसे प्रकट करने की जरूरत है।

अपने इष्ट का ध्यान कर ब्रम्ह मूहर्त में उठ कर नित्य ही ध्यान करना चाहिए,सामायिक करना चाहिए। सभी को परमात्मा का स्मरण प्रति समय करते रहना चाहिये।भगवान राम ने मर्यादा में रह कर अपने पुरुषात्व को जीता था, पहचाना था ।इसलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये ।हम भी उन्ही के आदर्शों पर चल कर अपने जीवन को धन्य करे। एकता के सूत्र में बंधे रहे एवं अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करें।

“कार्यक्रमो का हुआ चयन”

26 जनवरी को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्राउंड पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की फाइनल रिहर्सल एवं चयन सीएम राइज उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में नायब तहसीलदार श्री मुकेश सांवले, विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री अजबसिंह राजपूत, सदस्य नरेन्द्र गंगवाल, प्राचार्य मोहम्मद सितवत खान आदि की उपस्थिति में किया गया। जिसमें शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के छात्र -छात्राओं ने रासायनिक खाद से नुकसान

झांसी की रानी, उत्तराखंड के काशी में मजदूरों के सुरंग में फंसने का, सभी को सुरक्षित निकालने का, भारत का चंद्रयान पर पहुंचने का एवं हम कथा सुनाते हैं राम की। मेरे घर राम आए हैं पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। सभी 6 सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं एक पीटी चयनित की गई। 26 जनवरी को मुख्य समारोह स्थल पर ध्वजारोहण के पश्चात किया जाएगा।

“छात्रशक्ति ने मनाई नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जन्मजयंती”

छात्रनेता मनीष प्रजापति के नेतृत्व में महाविद्यालय के छात्रो ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर नेता जी सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि छात्रनेता मनीष प्रजापति ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहाँ 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की 128वी जयंती है । सुभाष चन्द्रबोस की जयंती को पूरा देश पराक्रम दिवस के रूप में मनाता हैं उनके विचार आज भी युवाओ को काफ़ी प्रेरित करते हैं उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में बेहद अहम भूमिका निभाई थी । उन्होंने आज़ादी लड़ते वक्त नारा दिया था तुम मुझे खून दो में तुम्हें आज़ादी दूँगा ।

उन्होंने इस नारे के साथ आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे सेनानियों में जोश और नई ऊर्जा भर दी थी नेताजी बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा में कटक में हुआ था । नेता जी के विचार आजभी युवाओ को प्रेरित करने का काम करते हैं माल्यार्पण में मनीष प्रजापति रोहित तोमर प्रिंस कुशवहा निखिल मालवीय राहुल जाट अनमोल जैन पियूष जैन पंकज राव अभिजीत माया चौहान मंजु चौहान निकिता तंबोलिया मुस्कान लोधी संध्या मालवीय स्वाति बागवान दीपक गोर रोहित कुमार ध्रुव यादव सचिन आदि छात्र छात्रा मोजूद थे ।

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