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आष्टा । जब से नपा ने अपने खुद के आय बढ़ाने के स्त्रोत खोजने शुरू कर उन पर कार्य करना शुरू किये तभी से कईयों के पेट मे मरोड़ उठने लगी है। मप्र सरकार हमेशा से कहती आ रही है की निकायों को ऐसे स्त्रोत विकसित करने चाहिये जिससे नपा की आय में वृध्दि हो सके।

पहले इस लाइन पर कार्य नही खोजे गये। नई परिषद ने इस लाइन पर जब कार्य शुरू किया तो निश्चित पेट मे मरोड़ तो उठना ही थी। ये मरोड़ सोशल मीडिया से कलेक्टर सीहोर के दरबार तक पहुची।

आज नपा के बैठक हाल में नई पध्दति के तहत नपा कार्यालय के सामने कम्युनिटी हाल के बहार उस स्थान पर जहां पर अभी तक अतिक्रमण हो जाया करता था। उस बहारी भू भाग पर कम्युनिटी हाल को बिना किसी तरह से छेड़े,उसके स्वरूप को बदले पूरी तरह से अलग

5 दुकानों का लेआउट डाल कर उस पर निर्माण कार्य शुरू करने के पहले उक्त बनने वाली पांचों दुकानों को लेने वाले से टेंडर बन्द लिफाफे में बोली आमंत्रित की गई।

निश्चित समय अवधि में 5 दुकानों के लिए करीब 47 लोगो ने अधिकतम बोली लिख कर बन्द लिफाफे टेंडर के रूप में 50 हजार की राशि जमा कर अपने अपने लिफाफे नपा में जमा किये थे।

चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण जो बन्द लिफाफे में अधिकतम बोली लिखे टेंडर आमंत्रित किये थे वे खोले नही जा सके।

मप्र में आचार संहिता खत्म होते,नई सरकार बनने के बाद आज नपा के बैठक हाल में पूरी पारदर्शिता को अपनाते हुए,सीएमओ राजेश सक्सेना ने पार्षदों, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारो,जिन लोगो ने बन्द लिफाफे जमा किये थे उन सभी के सामने कैमरे की आंख के सामने टेंडर खोले गये ।

जिसमे सबसे अधिक राशि उक्त दुकानों के लिये जिन लोगो ने लिखी थी उनके नाम घोषित किये गये। दुकान क्र 1 स्वरूपसिंह के नाम 34 लाख 99 हजार 999 रुपये में,दुकान क्र 2 राहुल चौरसिया के नाम 28 लाख 11 हजार 269 रुपये में,

दुकान क्र 3 जितेन्द्र भामा के नाम 21 लाख 05 हजार 050 रुपये में,दुकान क्र 4 मोतीसिंह के नाम 25 लाख 11 हजार 551 रुपये में,ओर दुकान क्र 5 मोतीसिंह के नाम से 29 लाख 51 हजार 511 रुपये अधिकतम बोली रही है।

उक्त जानकारी देते हुए सीएमओ राजेश सक्सेना ने बताया की उक्त पांचों दुकान से 1 करोड़ 38 लाख 79 हजार 380 रुपये नपा को प्राप्त होंगे। शेष अन्य सभी टेंडर डालने वालो को उनके द्वारा जमा की गई अमानत राशि प्रत्येक के 50 हजार वापस किये जायेंगे।

इन दुकानों से किराये के रूप में हर माह जो राशि प्राप्त होगी निश्चित वो नपा के लिये आय के अतिरिक्त स्त्रोत होंगे। आज जिस पारदर्शिता से टेंडर खुले उसने निश्चित उन सभी के मुह बन्द कर दिये जो इन दुकानों को लेकर तरह तरह के आरोप लगा रहे थे।

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