आष्टा। दिगम्बर जैन आचार्य भगवन श्री विद्यासागर मुनिराज के आशीर्वाद, निश्रा एवं पूज्य मुनि श्री प्रशांत सागर ,निर्वेग सागर ,विशद सागर महाराज कि पावन प्रेरणा से नगर की सांई कॉलोनी में बनने जा रहे श्री नेमिनाथ दिगम्बर जिन मन्दिर एवं गुरु निलय स्वाध्याय भवन का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण की ओर चल रहा है। उक्त जिनालय में स्वेत पाषाण वियतनाम मार्वल से निर्मित मूलनायक भगवान श्री नेमिनाथ जी की 51 इंच मनोहारी प्रतिमा विराजमान होगी, एवं मन्दिर के द्वितीय तल पर पूज्य मुनि दुर्लभ सागर जी महाराज की दुर्लभ शोध के अनुरूप मप्र के पठारी के पत्थर से निर्मित अद्वितीय एवं आलौकिक पर्रिकर युक्त श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा शोभायमान होगी,जो कि समुचे अंचल में प्रथम एवं अद्वितीय होने का गौरव प्राप्त करेंगे।
दोनों प्रतिमाओ का भव्य आष्टा नगर आगमन रविवार 19 दिसम्बर को होगा। श्री नेमिनाथ जिन मन्दिर सेवा संघ के प्रतिनिधि ने बताया कि जिस प्रकार हम मुनि संघ आर्यिका संघ की भव्य नगर आगवानी करते है। उसी प्रकार नवीन जिन मन्दिर समवशरण में भावी अरिहन्त परमेष्ठि के रूप में विराजमान होने वाली जिन प्रतिमाओं की भी हम पूर्ण भक्ति भाव के साथ नगर आगवानी करेंगे एवं उन्हें नगर भ्रमण करवाएंगे। दो दिवसीय आयोजन में दिनांक 18 दिसम्बर दिन शनिवार को आगवानी की पूर्व संध्या पर किला मन्दिर मे मांगलिक भजन बुलावा का आयोजन सम्पन्न होगा। रविवार 19 दिसम्बर को प्रातः 7:30 बजे दिव्योदय जैन तीर्थ किला मन्दिर से प्रतिमा जी की आगवानी शोभायात्रा प्रारम्भ होकर पुरानी सब्जी मंडी बड़ा बाजार, नजर गंज से बुधवारा होते हुए साई कॉलोनी स्थित नवीन जिन मन्दिर पहुँचेगी।
यहां पर श्रमण मुनि श्री भूतबलि सागर महाराज के आशीर्वाद एवं दिशा निर्देश अनुरूप ब्रम्हचारिणी मंजुला दीदी एवं प्रतिष्ठाचार्य विमल कुमार शास्त्री जयपुर के प्रतिष्ठचार्यत्व व मार्गदर्शन में प्रतिमाओं को शुभ घड़ी में मंत्रोच्चार के साथ वैदिका पर विराजमान किया जाएगा। कार्यक्रम के पश्चात श्रावक मुकेश कुमार, आनंद कुमार, अनूप, अभय, श्रेयांस, मनोज पोरवाल परिवार एवं अशोक कुमार अखिलेश कुमार श्रीमोड परिवार द्वारा प्रभावना वितरित की जाएगी।
उक्त आयोजन में सपरिवार साक्षी बनकर सहभगिता कर पुण्य अर्जन करने के अपील दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष यतेन्द्र जैन श्रीमोड एवं महामन्त्री कैलाश जैन ने सभी साधर्मी जनों से की है।