आष्टा। इंदौर भोपाल हाईवे पर स्थित सोंडा ग्राम में करीब साढ़े चार वर्ष पहले 4 जून 2017 को करीब सौ – डेढ़ सौ किसानों द्वारा केले एवं सब्जी के ट्रकों को रोककर उक्त सामग्री सड़क पर फेंक कर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे ।उस दौरान आष्टा के टीआई सहित अन्य पुलिस बल भी पहुंचा था, जिन पर किसानों ने हमला बोल दिया था ।पुलिस अधिकारियों को जान बचा कर इधर-उधर भागना पड़ा था ।जिसमें दो नगर निरीक्षक सहित करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस मामले में शुक्रवार 10 दिसंबर को अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे द्वारा आरोपी किसानों को तीन-तीन वर्ष की सजा के साथ ही साढ़े चार – साढ़े चार हजार रुपए का अर्थदंड लगाया हैं।
अपर लोक अभियोजक विजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अमलाह के समीप सोंडा ग्राम में करीब सौ डेढ़ सौ किसानों द्वारा सब्जी व कैलों से भरे हुए ट्रकों को रोककर उक्त सब्जी व कैलों को सड़क पर फेंक रहे थे। तत्कालीन टीआई भगवानदास वीरा और पुलिसकर्मियों के ऊपर पथराव करने वाले तीन आरोपियों को शुक्रवार को आष्टा न्यायालय ने 3-3 वर्ष की सजा सुनाई और 4500-4500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।किसानों ने किया पथराव था 12 पुलिसकर्मियों को लगी थी चोटे2017 में मध्य प्रदेश में हुए किसान आंदोलन ने हिंसक रुख अख्तियार कर लिया थाऔर इसी के चलते भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे पर सोंडा गांव में किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था और इस घटना में 12 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं थी।
किसानों के पथराव में तत्कालीन सीएसपी आरएस डंडोतिया,तत्कालीन आष्टा टीआई बीडी वीरा और तत्कालीन कोतवाली टीआई अजय नायर और कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई थी।लिहाजा पुलिस की जवाबी कार्रवाई में भी छह किसान घायल हुए थे।”छोड़े थे आँसू गेस के गोले, भोपाल से बुलाया था बल”गौरतलब है कि पुलिस ने किसानों के पथराव के बाद हल्का बल प्रयोग भी किया था और 5 राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे थे ।हिंसक हुए आंदोलनरत किसानों ने पथराव के साथ पुलिस के वाहनों में भी तोड़फोड़ की थी और आग लगाने के भी प्रयास किये थे।इस दौरान मौके पर भरी पुलिस बल तैनात किया गया था ओर भोपाल से भी सुरक्षा बलों की दो कम्पनियां बुलाई गई है।इस पूरे मामले में सीएसपी समेत दो टीआई और लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों को चौटें आई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 4 जून 2017 को अमलाहा के पास सोंडा गांव में 100-150 की संख्या में उपस्थित किसानों ने केले और सब्जी से भरे ट्रकों को रोककर ट्रकों में भरी सब्जियों और केलो को सड़क पर फैंकने लगे।सूचना मिलते ही तत्कालीन थाना प्रभारी वीरा पुलिसकर्मियों के साथ ग्राम सोंडा पहुंचे और आक्रोशित किसानों को समझाने का प्रयास किया।जिस पर किसानों ने थाना प्रभारी वीरा और पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया।जिससे वीरा और कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई थी।
जिसके बाद आष्टा थाने में पुलिस पर पथराव करने वाले लोगो पर धारा 148, 333, 149, 353,341,427 के तहत मामला दर्ज किया गया था।ऊक्त प्रकरण आष्टा न्यायालय में चल रहा था।जिस पर जिला न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपी धरम सिंह खाती, संतोष खाती निवासी लालाखेड़ी और गोविंद सिंह ठाकुर निवासी उदयपुरा को 3-3 वर्ष की सजा और 4500-4500 रुपये का जुर्माना लगाया गया ।शासन की और से अपर लोक अभियोजक विजेंद्र सिंह ठाकुर ने पैरवी की।ज्ञात रहे कि 2017 में किसानों ने अपना 10 दिवसीय हाहाकार आन्दोलन छेड़ रखा था पहले तो किसानों ने सब्जी मंडियों का बहिष्कार किया था फिर सब्जियां को सड़कों पर फेंकनी शुरू कर दी थी ।इसके बाद सरकार की अनदेखी के चलते किसानों का गुस्सा और बढ़ गया था और वे हिंसा पर आमदा होने शुरू हो गए थे।