आष्टा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक तरह से सीहोर जिले में कहरसा बरपा दिया है। कल सीहोर में 175 पॉजिटिव केस मिलने की खबर ने सबको जागरूक होने का कड़ा संदेश दे दिया है। पूरे जिले में संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन गैस की सबसे बड़ी समस्या सामने आई है।
सरकार ने सीहोर में करीब 2 करोड़ का ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किया है.! जिले में सीहोर के बाद सबसे चिंताजनक हालात आष्टा के है। आष्टा में ऑक्सीजन गैस की सबसे बड़ी समस्या उभर कर सामने आई है,दानदाताओं ने सिलेंडर तो दान कर दिये पर उनमें गैस भरना समस्या है।
प्रयास हो रहे है। ऐसे में जिले की सबसे बड़ी तहसील आष्टा के सिविल अस्पताल में भी एक ऑक्सीजन प्लांट लगना चाहिये, ये जब ही सम्भव है जब क्षेत्र के सांसद,विधायक,भाजपा संगठन मुख्यमंत्री से इस प्लांट को स्वीकृत करने का ठोस प्रयास करे। खबर है नसरुल्लागंज के सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगेगा।
अगर नसरुल्लागंज गंज में ऑक्सीजन प्लांट लग सकता है तो आष्टा में क्यो नही.? स्थानीय सत्ता एवं संगठन के जनप्रतिनिधि हमेशा की तरह इस मांग को भी अगर प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के सामने रखेगे तो पूरी उम्मीद है हमेशा की तरह मुख्यमंत्री उन्हें खाली नही लौटाएंगे।
मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की हमेशा आष्टा पर कृपा दृष्टि रही है,उन्होंने अपने हर कार्यकाल में आष्टा को करोड़ों ने अरबो की एक नही सैकड़ो योजनाए विकास की स्वीकृत की है। आष्टा मुख्यमंत्री का स्नेही विधानसभा क्षेत्र रहा है।
जब आष्टा पर हमेशा सीएम की कृपा रही है तो फिर ऑक्सीजन प्लांट वे आष्टा को क्यो नही दे सकते,दे सकते है बस ठोस प्रयास की जरूरत है। देखना होगा सत्ता के सांसद,विधायक,संगठन,अधिकारी आष्टा की इस विकट समस्या को कैसे कब सौगात में बदलते है.? इस खबर में जितने महानुभावों के चित्र है,अगर वे सब चाहे तो एक दिन में आष्टा के लिये ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत हो सकता है.!