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आष्टा। आदिनाथ प्रभु को मानते हैं ,लेकिन उनकी बातों को नहीं मानते, जैन भिखारी नहीं होते। कृषि करों यह ऋषि बनों। मुनि बनने की भावना भाएं।घर गृहस्थी में रहकर प्रतिमा लेकर समाधि मरण का लक्ष्य रखें। मां के गर्भ में भगवान के आते ही माता की बुद्धि बहुत तेज हो जाती है।

जीवित रहने के लिए षट कर्म बताएं। देशी गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।उस पर हाथ फेरने से रोग दूर होते हैं।आज गाय को छोड़कर कुत्ते को पाल रहे हैं और उस पर हाथ फेर रहें हैं। आदि प्रभु द्वारा बताई गई बातों को भूल गए हो।


उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर मुनि भूतबलि सागर महाराज एवं मुनि सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। मुनिश्री ने आगे कहा कि


आदि कुमार मोह, ममता छोड़कर आत्म कल्याण के लिए निकल गए। सम्यकदृष्टि थे इसलिए सम्यकवान थे। पहले भी साधन थे और आज भी है आराधना करने के। घर- घर में गाय होना चाहिए।हर व्यक्ति को खेती करना चाहिए। पहले साधना करने का ज्ञान नहीं था।

आदि कुमार ने नोकरी करने व व्यापार करने का नहीं बल्कि कृषि करने को कहा था। कृषि करना पाप नहीं। भूतबलि सागर महाराज ने कहा गुस्सा आता है तो णमोकार मंत्र का जाप करें। बच्चा गुणवान आएगा। आदिनाथ भगवान का स्वयंभू स्तोत्र पढ़ने से जागृत अवस्था आएगी,वह तीन ज्ञान धारी थे। वर्ण चार ही रहेंगे, धर्म एक ही है।

वर्ण अवस्था बदल सकती है।असी,मसी, कृषि करने के लिए आदि कुमार ने कहा।भोग भूमि में भोगने वाले रह गए।जिन अर्थात जिनेंद्र के अनुयाई बन गए। चांद की महिमा है वह सभी को लेकर आता है।

बहुत बड़ा परिवार था आदिनाथ भगवान का लेकिन मोह नहीं था। आदि कुमार इंद्रियों व पत्नी के गुलाम नहीं थे। उनके साथ हजारों लोगों ने दीक्षा ली। उन्हें भोजन से मोह नहीं था।

आदिनाथ भगवान सभी का कल्याण चाहते थे, सिर्फ स्वयं का नहीं घर में शांति से रहो,सात प्रतिमा तक घर में रहकर व्यापार कर सकते हो।जो करेगा वो भरेगा, सेवा करोगे मेवा मिलेगा। सहनशीलता रखें।


विकृति वालों को संस्कृति का पालन करना चाहिए। संयास आश्रम में खाली होकर आना पड़ता है। दुनिया अंधी नहीं है।जीव रक्षा , अहिंसा धर्म का नारा लगाए। देखा-देखी नहीं करें,सोच समझकर कार्य करें।

“श्री वैष्णव बैरागी समाजआष्टा ने रामानंदाचार्य जयंती मनाई”

आष्टा में श्री श्री 1008 जगद् श्री रामानन्दाचार्य जी की जयंती महोत्सव घूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर नगर में चल समारोह नगर के मुख्य मार्गों से निकाला गया।
नगर के प्राचीन श्री गणेश मंदिर में आरती पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

सकल हिन्दू समाज ने जुलूस का स्वागत कर समाज अध्यक्ष का सम्मान किया। यहा से जुलूस कार्यक्रम स्थल पहुचा। जहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम,अतिथि स्वागत,सम्मान सम्पन्न हुआ।

समाज की ओर से जारी विज्ञप्ति अनुसार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त श्री योगेन्द्र जी महंत ने रामानंदाचार्य जी कि तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलित,एवम् माल्यार्पण कर जयंती समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में ओमप्रकाश बैरागी इन्दौर,गिरधारी वैष्णव उज्जैन, विष्णु दास बैरागी कुसमानिया, सामाजिक जन नीरज बैरागी हरदा, महंत तिलक दास बैरागी अरनिया कला, रामानंदाचार्य जयंती अध्यक्ष राजेश बैरागी ,

निर्मल बैरागी अध्यक्ष वैष्णव बैरागी समाज आष्टा, रवीन्द्र वैष्णव नगर अध्यक्ष, मुकेश बैरागी कोषाध्यक्ष, दिनेश बैरागी सचिव, सुनील बैरागी सचिव, संतोष वैष्णव कोषाध्यक्ष,के डी बैरागी कोषाध्यक्ष,

विष्णु दास बैरागी उपाध्यक्ष, मनोहर बैरागी उपाध्यक्ष,कन्हैया बैरागी उपाध्यक्ष, ब्रजमोहन बैरागी उपाध्यक्ष, कैलाश बैरागी पिपलिया कैलाश, राजेन्द्र बैरागी सिद्दीकगंज इत्यादि सामाजिक बन्धु उपस्थित हुए।

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