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आष्टा। न्यायालय परिसर आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत आज सम्पन्न हुई। सर्वप्रथम मॉ सरस्वती के चित्र के समक्ष विधिक सेवा समिति आष्टा के अध्यक्ष प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार चौबे तथा अन्य न्यायाधीशगण

श्री मनोज भाटी, श्रीमती सारिका भाटी, कु. आयुषी गुप्ता एवं बॉबी सोनकर म.प्र.वि.वितरण कंपनी के अभियंता राजीव रंजन, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक श्री भगतसिंह,अभिभाषक संघ के अध्यक्ष तेजसिंह भाटी, अधिवक्ता धीरज धांरवा, विजेन्द्र सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र परमार, जीवनसिंह खजुरिया, निलेष शर्मा, न्यायालय नाजिर जीवनसिंह बडोलिया, सेलआमीन मुकेश माहेश्वरी एवं स्टेनो अनिल श्रीवास्तव, न्यायालयीन कर्मचारी, मुकेश राजपूत, के.के.सोनी, सुरेश पाराशर, अनिल वर्मा, यू.एन.तिवारी, राजेश शर्मा, राकेश त्रिपाठी, राजेश मड़ावी, मनोहरसिह राठौर, संतोष कुमार काछी एवं राजेश पठानी ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का प्रारंभ किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार चौबे ने कहा कि कोरोना कार्यकाल मे सभी लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखना चाहिये एवं सार्वजनिक स्थानो पर मास्क आवश्यक रूप से पहनना चाहिये ताकि सभी लोग कोरोना जैसी महामारी से बच सके। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत संपूर्ण भारत वर्ष में आज के दिन आफलाईन-ऑनलाईन लगाई गई है और यदि पक्षकारगण लोक अदालत में अपने प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण करवाते है तो इससे उनके बीच में आपसी प्रेम और सोहार्द की बढोत्तरी होती है।

जिससे आपसी मनमुटाव ओर दुश्मनी कम होती है और लोग बगैर किसी लडाई-झगडे के प्रेम से रह सकते है। नेशनल लोक अदालत में आष्टा तहसील के भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब नेशनल बैंक, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, एच.डी.एफ.सी बैंक सहित नगर पालिका परिषद आष्टा, जावर एवं कोठरी तथा मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी के न्यायालय परिसर में वे ही पक्षकारगण आये जिन्होंने अपने प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करवाने की स्वीकृति दी और तत्पश्चात न्यायालय मे प्रकरण राजीनामा कर निराकृत करवाये। इस दौरान पक्षकारगण द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। पक्षकारगणों ने नेशनल लोक अदालत द्वारा प्रदत्त सुविधा एवं राहत का लाभ लिया। न्यायालय में भी काफी प्रकरणो का निपटारा पक्षकारगण को समझाईश देकर किया गया, उन्हें खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यो, अधिवक्तागणों, विद्युत विभाग के अभियंता एवम् विभिन्न बैंको के अधिकारिगण द्वारा नेशनल लोक अदालत मे विभिन्न प्रकरणों मे दी जानी वाली छूट एवम् लोक अदालत के महत्व एवम् लाभ बताते हुये समझौते कराये गये।

उनके द्वारा समझाये जाने के प्रभाव से सिविल न्यायालय आष्टा मे नगर पलिका के शिविरो एवम् विद्युत विभाग के शिविरो मे पक्षकारो द्वारा राहत एवं छुट का लाभ लेते हुये राशि जमा करायी गयी। पक्षकारों द्वारा बैंक के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों मे कुल 479250/- रूपये की राशि, विद्युत के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों मे कुल 832128/- रूपये की राशि एवम् नगर पलिका के शिविर मे जलकर एवम् सम्पत्ति कर की कुल 435025/- रूपये की राशि जमा की । सिविल न्यायालय आष्टा के विभिन्न न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों में से कुल 135 प्रकरणों का नेशनल लोक अदालत में समझौता के माध्यम से निराकरण किया गया, जिसमें 215 व्यक्ति लाभान्वित हुये तथा 56,87,551/-रूपये राशि के समझौते हुए।

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